कोरोना महामारी जैसे खतरनाक और भयावह दौर के बाद अब मंकीपॉक्स नाम के वायरस ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इसे लेकर वैश्विक आपातका घोषित कर दिया है। हाल ही में कई लोगों में मंकीपॉक्स के लक्षण देखे गए हैं। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब बच्चे भी मंकीपॉक्स वायरस के शिकार हो रहे हैं। छोटे बच्चे इसकी वजह से वायरल की चपेट में आ रहे हैं एक से पांच साल तक के बच्चों में हैंड, फुट और माउथ डिजीज यानी HFMD हो रही है। इसलिए अगर कभी भी आपके बच्चों में इस तरह के लक्षण दिखाई पड़े तो घबराने की बजाए शांत दिमाग से काम लें और डॉक्टर की सलाह लें। जानें मंकीपॉक्स के लक्षण, इससे बचाव और बच्चों में लक्षण दिखने के बाद क्या करना चाहिए।
क्या है मंकीपॉक्स वायरस
मंकीपॅाक्स एक जूनोसिस वायरस यानि जानवरों से इंसानों में फैलने वाला संक्रमण है। मंकीपॅाक्स वायरस, स्मॅाल पॅाक्स यानी चेचक के वायरस के परिवार की ही सदस्य है। साल 1958 में ये पहली बार बंदरों में पाया गया था। साल 1970 में इंसानों में इसका पहला मामला उजागर हुआ था। यह एक संक्रामक बीमारी है जो एक इंसान से कई दूसरों इंसानों तक पहुंच जाती है. इसका संक्रमण आमतौर पर 14 से 21 दिनों तक रहता है।
मंकीपॉक्स के लक्षण
- बार–बार तेज़ बुखार आना
- पीठ और शरीर की मांसपेशियों में दर्द होना
- त्वचा पर दाने पड़ना
- सुस्ती आना
- गला खराब होना
- बार–बार खांसी आना
इस तरह करें बच्चों की सुरक्षा
- संक्रमण का शक होते ही बच्चे को सबसे पहले आइसोलेट करें.
- बिना देर किए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
- बच्चे को सिखाएं कि वो लोगों से शारीरिक दूरी बनाकर रखे.
- बच्चों को सिखाएं कि हाथों को अच्छी तरह से साफ़ किए बिना अपना चेहरा, आंख, नाक वगैरह छूने से बचें.
- बच्चों को घर पर ही पौष्टिक आहार दें और उन्हें खूब पानी पीने की आदत पड़वाएं